अलवर धर्म प्रेमी डॉ. विजय पाल यादव ने बताया कि बीते वर्ष में हरिनाम संकीर्तन से आत्मीयता और बल मिला है, जो लोगों को सुख-शांति और धार्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस्कॉन के सैकड़ों मंदिरों ने भी धार्मिक भावनाओं को प्रोत्साहित किया है और नशे की आदतों को छोड़ने में मदद की है। वे नए वर्ष में भी हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से इस धार्मिक आंदोलन को और बढ़ावा देंगे।