राजगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम मुर्राटा स्थित जोगिन की ढाणी में आयोजित महाशिवपुराण कथा में आचार्य कैलाश नाथ शास्त्री ने श्रद्धालुओं को माता सती के पुनर्जन्म और भगवान शंकर से दोबारा विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि माता सती ने अपने पहले जन्म में पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित होकर अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद उन्होंने राजा हिमाचल के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने भगवान शंकर को पुनः पति रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने नटराज रूप में प्रकट होकर राजा हिमाचल की नगरी में रानी मैना से पार्वती का हाथ मांगा और उनसे पुनः विवाह किया।
कथा के दौरान ग्राम मुर्राटा में भक्तिभाव का माहौल बना रहा। क्षृद्वालु बनवारी लाल जोगी ने बताया कि कथा स्थल पर दूर-दूर से नाथ पंथ के साधु-संतों का आगमन हुआ है और उन्होंने वहां डेरा डाला हुआ है। इससे पूरे क्षेत्र का वातावरण धार्मिक आस्था से ओतप्रोत हो गया है और ग्रामीण श्रद्धा भाव से कथा में सम्मिलित हो रहे हैं।