महाराष्ट्र में महायुति की सरकार के गठन के बाद अब मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर पेच फंस रहा है. महायुति में गृह मंत्रालय को लेकर भिड़ंत शुरू हो गई. गठबंधन के सहयोगी दल शिवसेना और एनसीपी के बीच इस विभाग के लिए आमने-सामने आ गए हैं. शिंदे गुट के नेता गुलाबराव पाटील ने सरकार गठन के कुछ समय बाद ही यह ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टी के पास डिप्टी सीएम का पद तो आ गया है, अब गृह मंत्रालय जैसे बड़े विभाग भी चाहिए. यह मंत्रालय अब तक देवेंद्र फडणवीस के पास था, जिसकी चाह अजित पवार गुट भी रख रहा है. ऐसे में अजित गुट के नेता ने गुलाबराव पर निशाना साधा है.
‘गुलाबराव रहें, जुलाबराव न बनें’
NCP नेता और विधायक अमोल मिटकीरी का कहना है कि गुलाबराव पाटील थोड़ा समझदारी से बातचीत किया करें. अजित पवार ने जो राज्य को दिया है वो सराहनीय है. इसलिए गुलाबराव ‘गुलाब’ की तरह रहें ‘जुलाबराव’ ना बनें. वहीं, एनसीपी नेता ने एकनाथ शिंदे के नेता को चेतावनी देते हुए यह भी कहा, ऐसी बातें करने से मंत्रालय नहीं मिलता, संभल कर रहें.”
महाराष्ट्र सरकार के गठन में इसलिए हुई देरी?
दरअसल, पहले एकनाथ शिंदे के डिप्टी सीएम पद स्वीकार करने पर भी संशय बना हुआ था, लेकिन शपथ ग्रहण के कुछ समय पहले ही एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी हो गए. हालांकि, उन्होंने अपनी पार्टी के लिए कई विभागों की मांग की है, जिस पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है. माना जा रहा है कि इसी असहमति के चलते सरकार के गठन में समय लग गया.
मंत्रालयों के बंटवारे पर अगर मुंबई में बात नहीं बनी तो दिल्ली में एक बार फिर महायुति की बैठक हो सकती है. एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं के साथ-साथ अजित पवार गुट ने भी मंत्रालयों की लिस्ट तैयार कर ली है.