पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर मुजफ्फरनगर में वकीलों का जोरदार प्रदर्शन, बाजार बंद और जाम

मुजफ्फरनगर। पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर बुधवार को मुजफ्फरनगर में अधिवक्ताओं का आक्रोश सड़कों पर दिखाई दिया। जनपद के वकीलों ने अपनेअपने चेंबर बंद कर नगर के मेन बाजार में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन को व्यापारियों का भी पूरा समर्थन मिला, जिसके चलते बाजार पूरी तरह बंद रहे और कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। वकीलों और व्यापारियों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई और पश्चिम उत्तर प्रदेश के साथ हो रहे कथित भेदभाव पर सवाल उठाए।अधिवक्ताओं का कहना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश लंबे समय से हाई कोर्ट बेंच की मांग करता रहा है, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया। मुजफ्फरनगर जिला बार संघ के महासचिव चंद्रवीर सिंह ने कहा कि यह केवल अधिवक्ताओं का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि आम जनता की जरूरत बन चुका है। उन्होंने बताया कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के करीब 22 जिले इस मांग से जुड़े हैं, जहां की आबादी लगभग 25 करोड़ के आसपास है। इसके बावजूद इस विशाल क्षेत्र में हाई कोर्ट की कोई बेंच नहीं है, जिससे लोगों को न्याय के लिए प्रयागराज तक लंबी और महंगी यात्रा करनी पड़ती है।उन्होंने आगे कहा कि न्याय तक आसान और सुलभ पहुंच लोकतंत्र की बुनियाद है, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों को आज भी इस बुनियादी सुविधा से वंचित रखा गया है।

इससे सिर्फ आम नागरिकों को परेशानी होती है, बल्कि अधिवक्ताओं और वादकारियों का समय और धन भी व्यर्थ होता है। इसी कारण यह आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है।संयुक्त व्यापार मंडल के संयोजक सुनील तायल ने अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि हाई कोर्ट बेंच की स्थापना से व्यापार जगत को भी बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि न्यायिक संस्थान स्थापित होने से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और शहर का समग्र विकास होगा। व्यापारियों का मानना है कि इससे निवेश का माहौल भी बेहतर होगा और पश्चिम उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी।सिविल बार संघ के अध्यक्ष एडवोकेट सुनील मित्तल ने बताया कि पूरे सिविल बार को बंद कर अधिवक्ताओं ने एकजुटता का परिचय दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना नहीं हो जाती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो इसे और व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा।प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया। हालांकि आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन बाजार बंद और जाम के कारण आम लोगों को कुछ समय के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा। वकीलों ने साफ किया कि यह संघर्ष न्याय और क्षेत्र के अधिकारों के लिए है और सरकार को अब इस मांग पर गंभीरता से विचार करना होगा।

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