अलवर जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र स्थित कुशालगढ़ गांव में 25 वर्षीय दीपू गुर्जर की सांप के काटने से दर्दनाक मौत हो गई। दीपू गुर्जर पुत्र हीरालाल गुर्जर रोज की तरह सुबह अपनी दुकान पर बैठा हुआ था और टूथपेस्ट कर रहा था। इसी दौरान बारिश की वजह से दुकान में घुसे एक जहरीले सांप ने उसे डस लिया। सांप के काटते ही दीपू बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। घटना के बाद परिवार और ग्रामीणों ने उसे तुरंत अस्पताल ले जाने की बजाय गांव के मंदिर में झाड़-फूंक के लिए पहुंचा दिया।
करीब तीन घंटे तक दीपू को झाड़-फूंक कराने के बाद जब उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तब उसे अकबरपुर के सामान्य चिकित्सालय ले जाया गया। अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉ. इशांत के अनुसार अगर दीपू को समय पर चिकित्सकीय सहायता मिल जाती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। लेकिन अंधविश्वास और झाड़-फूंक में समय गंवाने के कारण उसकी मौत हो गई।
यह घटना एक बार फिर समाज में व्याप्त अंधविश्वास की दुखद सच्चाई को उजागर करती है, जहां आज भी कई लोग चिकित्सा के स्थान पर तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक जैसे गैर-वैज्ञानिक उपायों पर भरोसा करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विषैले जीव-जंतुओं के काटने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेना ही एकमात्र उपाय है। दीपू की मौत केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि समय रहते सही निर्णय न लेने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ सकती है।