ऑपरेशन सिंदूर को लेकर फेसबुक पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के मामले में आरोपी अशोका विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। बुधवार को कोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने जमानत की एक शर्त — केस से संबंधित कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी न करने — में बदलाव की मांग की थी। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अली खान का पक्ष रखते हुए कोर्ट से कहा कि “दाएं-बाएं जाने की जरूरत नहीं”, सीधे मुद्दे पर बात की जाए। उन्होंने यह दलील दी कि अली खान का बोलना या लिखना संविधान में दिए गए अभिव्यक्ति के अधिकार के अंतर्गत आता है। हालांकि, पीठ ने सिब्बल की दलीलों को सुनने के बाद टिप्पणी की कि इस पर अगली सुनवाई की तारीख पर विचार किया जाएगा, लेकिन तत्काल कोई राहत नहीं दी गई। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से स्पष्ट है कि न्यायालय इस संवेदनशील मामले में सतर्कता बरत रहा है और सामाजिक शांति को प्राथमिकता दे रहा है।

















