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बुढ़ाना सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुजफ्फरनगर आदि में ठेलो दुकानदारो आदि के नाम लिखने वाले आदेश पर रोक लगा दी है । जिसको लेकर चारो ओर सराहना हो रही है। इस संबंध में जमीयत उलमा से जुड़े मौ0 आसिफ कुरैशी ने रोक लगाये जाने पर कहा हमारे भारत में सभी लोग आपस में मिलते जुलते रहते आये और कांवड़ यात्रा में सभी लोग सेवा करते है,उन्होंने कहा की पहचान जाहिर करने वाला स्थानीय प्रशासन का निर्देश गलत था जोकि समाजहित में नही था । मौ0आसिफ कुरैशी ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के राज्य सरकार एवम स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर रोक लगाए जाने से अब किसी भी दुकान दार अपने ठेले या दुकान पर अपना नाम लिखना कोई जरूरी नही रहा है। आसिफ कुरैशी ने कहा की जमीयत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी साहब इस संबंध में बहुत ही मजबूती से आवाज उठा चुके है । आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. दरअसल यहां कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाले खाने-पाने की दुकानों के मालिक को अपने नाम और कर्मचारियों के नाम साफ-साफ लिखने का आदेश दिया गया था. हालांकि अब कोर्ट ने इस पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही यूपी, उत्तराखंड और एमपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक पुलिस के निर्देशों पर रोक लगा दी. इसके साथ ही कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तक किसी को जबरन नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।