मध्य प्रदेश में एक संवेदनशील मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के वन मंत्री विजय शाह की माफी को “घड़ियाली आंसू” करार देते हुए सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने साफ कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा, न्याय सुनिश्चित करना ज़रूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि SIT के सभी सदस्य मध्य प्रदेश के बाहर के होने चाहिए और उनमें से कम से कम एक अधिकारी आईजी या डीजीपी रैंक का होना चाहिए। इस कदम का उद्देश्य जांच की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करना है। अदालत का यह फैसला राज्य में चल रही जांच पर सवाल उठाते हुए लिया गया है। कोर्ट की इस सख्ती से साफ है कि अब लापरवाही या दिखावटी माफी से काम नहीं चलेगा।

















