बाँदा। उत्तर प्रदेश प्राइमरी सीनियर सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन (यूपीपीएसएस) के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा के आवाह्न पर जनपद बाँदा में भी इस वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस नहीं मनाया जाएगा। संगठन ने साफ किया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से शिक्षक वर्ग गहरे आक्रोश और दुःख में है। बाँदा रियल एस्टेट जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी और मंत्री प्रजीत सिंह ने बताया कि 1 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश से देशभर में 10 लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों की नौकरी पर संकट मँडरा गया है। यदि यह आदेश निजी विद्यालयों पर भी लागू होता है, तो करोड़ों शिक्षक प्रभावित होंगे। इस कारण शिक्षक वर्ग में गहरी निराशा और चिंता व्याप्त है।
संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि हर वर्ष की तरह सरकारें शिक्षक दिवस पर मंच सजाकर कुछ शिक्षकों को सम्मानित करेंगी। लेकिन यह विडंबना है कि उन्हीं में से कई शिक्षक ऐसे होंगे, जिन्हें भारत सरकार द्वारा टीईटी संबंधी बनाए गए कानून के चलते दो वर्षों बाद सेवा से बाहर किए जाने का भय सता रहा है। ऐसे माहौल में उस सम्मान को शिक्षक कैसे हृदय से स्वीकार कर पाएगा? उन्होंने कहा कि देशभर के शिक्षकों के लिए असली सम्मान यही होगा कि भारत सरकार और माननीय प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री न्यायपूर्ण घोषणा कर इस संकट का समाधान करें। शिक्षकों ने मांग रखी है कि सरकार ठोस पहल कर उनकी सेवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
