टीईटी की अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों ने काले कपड़े पहनकर किया जोरदार प्रदर्शन.

बांदा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ इकाई बांदा द्वारा जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी के नेतृत्व में मंगलवार को हजारों की संख्या में शिक्षक व शिक्षिकाएँ काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी बांदा के प्रतिनिधि के रूप में सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा और अपना आक्रोश दर्ज कराया।ज्ञापन देने से पूर्व सभी शिक्षक जीआईसी मैदान में एकत्र हुए। वहां से हाथों में तख्ती और बैनर लेकर जुलूस के रूप में निकलकर उन्होंने सरकार द्वारा शिक्षकों की सेवा शर्तों में किए जा रहे बदलाव को गैरजरूरी करार दिया।
शिक्षकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश की शिक्षक भर्ती नियमावली की अनदेखी की गई है। जुलाई 2011 तक की नियुक्तियों में सभी शिक्षक सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों और परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर ही नियुक्त हुए थे। कभी हाईस्कूल-बीटीसी, कभी इंटर-बीटीसी, फिर स्नातक-बीटीसी, बाद में बीएड-विशिष्ट बीटीसी और अंततः बीएड के साथ टीईटी/सुपर-टीईटी जैसे मानक लागू किए गए। जिस समय सरकार ने जो योग्यता तय की, उसी के अनुरूप शिक्षक बने हैं, किसी ने नियम तोड़कर नियुक्ति नहीं पाई।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि समस्या टीईटी की नहीं बल्कि सेवा शर्तों से छेड़छाड़ की है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के 1 सितम्बर के निर्णय के बाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि 25 अगस्त 2010 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा और ऐसा न होने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इस भ्रम और दबाव के चलते हमीरपुर व महोबा में दो शिक्षकों ने आत्महत्या तक कर ली। शिक्षकों ने दो टूक कहा कि भारत सरकार के अधीन 25 अगस्त 2010 से पूर्व तथा उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी की अनिवार्यता लागू नहीं होती। यदि इस विषय में जल्द स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। संगठन ने चेतावनी दी कि आने वाले समय में लखनऊ और दिल्ली कूच भी किया जाएगा तथा शिक्षक हितों की लड़ाई सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ी जाएगी। इस मौके पर जिला मंत्री प्रजीत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमाशंकर यादव, कोषाध्यक्ष रामसुफल कश्यप, सहित जनपदीय पदाधिकारी, ब्लाक अध्यक्ष-मंत्री, संघर्ष समिति के पदाधिकारी, तहसील प्रभारी, महिला पदाधिकारी और बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे। साथ ही माध्यमिक शिक्षक संघ के मिथलेश पांडे और उनके कई पदाधिकारी भी एकजुटता दिखाने पहुंचे।

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