गुरुग्राम: मोबाइल एप Mobikwik में आई तकनीकी खराबी का फायदा उठाकर देशभर के सैकड़ों लोगों ने 41 करोड़ से ज्यादा की राशि की धोखाधड़ी कर ली। लोगों ने एप के वालेट से रुपये अपने जानने वालों, दुकानदारों और अन्य लोगों के खाते में भेजकर कंपनी को चूना लगाया।कंपनी की तरफ से गुरुग्राम के सेक्टर 53 थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कराया गया। इसमें उन तीन हजार लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनके खातों में रुपये गए थे।
फिलहाल गुरुग्राम पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने जानबूझकर एप से करीब ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। वहीं तीन हजार खातों को होल्ड कराया गया है।
वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि ने सेक्टर 53 थाना पुलिस को दी शिकायत में कहा कि मोबिक्विक एप एक मोबाइल भुगतान नेटवर्क संचालित करता है, जो उपयोगकर्ताओं को खुदरा विक्रेताओं से जोड़ता है।
यह प्लेटफार्म उपभोक्ताओं को भुगतान, व्यापारी लेन-देन और बिल भुगतान संबंधित सेवाएं प्रदान करता है। 12 सितंबर को कंपनी को अपने खातों का मिलान करते हुए कुछ संदिग्ध लेनदेन मिले।
यह विभिन्न मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों व अज्ञात व्यक्तियों, उपयोगकर्ताओं द्वारा उनके मोबिक्विक व्यापारी खातों के माध्यम से किए जा रहे थे। पहले यह पता नहीं था कि लेनदेन के लिए कौन सी विधि अपनाई जा रही थी। लेकिन जांच के बाद इसकी जानकारी सामने आई।
कंपनी की तरफ से बताया गया कि उनके एप में तकनीकी खराबी आने के कारण लोगों ने जानबूझकर गलत फायदा उठाते हुए अपनी सीमा से ज्यादा धनराशि एक-दूसरे खातों में भेजी।
मोबाइल में दिख रहा था असफल, लेकिन ट्रांसफर हो रहे रुपये
कंपनी को जांच में पता चला कि कोई भी एप उपयोगकर्ता यूपीआई के माध्यम से जब किसी दूसरे को पैसे भेजता है तो उसका सफल लेनदेन का मैसेज आता है।
लेकिन एप में तकनीकी खराबी आने के कारण जब कोई उपयोगकर्ता दूसरे को रुपये भेज रहा था तो उसे असफल लेनदेन के मैसेज आ रहे थे, लेकिन वह रुपये ट्रांसफर हो रहे थे।
तकनीकी गड़बड़ी का अनुचित लाभ उठाते हुए लोगों ने जानबूझकर अपने क्यूआर कोड के माध्यम से ऐसे लेनदेन करवाए।
कहा गया कि मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों व उपयोगकर्ताओं के उस राशि पर कानूनी अधिकार नहीं थे, लेकिन फिर भी 41 करोड़ से ज्यादा की राशि लोगों ने खातों में ट्रांसफर की। इससे कंपनी को घाटा हुआ। कंपनी ने यह भी बताया कि धोखाधड़ी की राशि बढ़ सकती है।
तीन हजार खातों को चिह्नित किया गया
गुरुग्राम जोनल और साइबर पुलिस ने कंपनी के साथ ठगी करने वाले संदिग्ध आरोपी व्यक्तियों, लाभार्थियों का विवरण व उनके बैंक खातों की जानकारी एकत्रित की गई। इस दौरान पाया गया कि यह रुपये देशभर के करीब तीन हजार खातों में भेजे गए।
इन सभी खातों को फिलहाल फ्रीज करा दिया गया है। साथ ही जांच करते हुए छह आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान नूंह के रोजकामेव के रेहान, पलवल के उटावड़ के मो. शकील, नूंह के कामेड़ा गांव के वकान यूनुस, आमिर, अंसार व मरोड़ा गांव के वसीम के रूप में की गई।
बैलेंस हो या न हो, फिर भी जा रहे थे रुपये
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि मोबिक्विक में कोई तकनीकी खराबी होने के कारण किसी के बैंक या एप के वैलेट में कोई भी बैलेंस हो या ना हो या फिर एप से की जाने वाली सभी ट्राजेक्शन सफतलापूर्वक पूर्ण हो रही थी।
एप का गलत पासवर्ड डालने पर भी कोई परेशानी नहीं थी और रुपये ट्रांसफर हो रहे थे। इन्होंने जानबूझकर कंपनी एप से करीब ढाई करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर लिए।
मामले की जांच के लिए एसआईटी
इतने बड़े स्तर पर धोखाधड़ी का मामला सामने आने पर गुरुग्राम पुलिस की कई टीमें जांच कर रही हैं। इसके लिए जल्द ही एसआइटी बनाई जाएगी। इसके लिए भी पुलिस अधिकारियों ने संकेत दिए हैं।
इसकी प्रक्रिया चल रही है। एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में एसआईटी गठित की जा सकती है। एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल 41 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के बारे में पता चला है। तीन हजार खातों को होल्ड कराया गया है।