फर्जी जमानत दस्तावेजों से गैंगस्टर एक्ट के आरोपी को छुड़ाने वाला अभियुक्त गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर में फर्जी जमानत दस्तावेजों के जरिए माननीय न्यायालय को गुमराह कर गैंगस्टर एक्ट के आरोपी को जेल से रिहा कराने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिलाधिकारी के आदेश के अनुक्रम में पुलिस अधीक्षक नगर एवं क्षेत्राधिकारी नगर के पर्यवेक्षण में, प्रभारी निरीक्षक सिविल लाइन के नेतृत्व में चलाए जा रहे फर्जी जमानत के विरुद्ध अभियान के तहत थाना सिविल लाइन पुलिस ने वांछित अभियुक्त अमित कुमार को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त पर आरोप है कि उसने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी जमानती बनकर न्यायालय को भ्रमित किया और जिला कारागार में निरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के आरोपी नीरज उर्फ बाबा उर्फ चीता उर्फ पंडित को जमानत पर रिहा कराने में अहम भूमिका निभाई।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त अमित कुमार पुत्र सुखपाल सिंह, निवासी मकान नंबर 175 टी, अशोक विहार, ग्राम इंद्रगढ़ी, थाना मसूरी, जनपद गाजियाबाद, उम्र करीब 40 वर्ष है। उसे मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया और माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने की प्रक्रिया की जा रही है। यह गिरफ्तारी उस संगठित षड्यंत्र का हिस्सा उजागर करती है, जिसके तहत गंभीर आपराधिक मामलों में निरुद्ध अभियुक्तों को अवैध तरीकों से रिहा कराने का प्रयास किया जा रहा था।

यह मामला थाना सिविल लाइन पर दर्ज मुकदमा संख्या 307/25 से जुड़ा है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत अभियोग पंजीकृत है। यह मुकदमा थाना खतौली के प्रभारी निरीक्षक द्वारा पंजीकृत कराया गया था। इस मुकदमे में मुख्य अभियुक्तों में नीरज उर्फ बाबा उर्फ चीता उर्फ पंडित पुत्र ओमपाल, निवासी ग्राम अट्टा चिंदोडी, थाना रोहटा, जनपद मेरठ तथा योगेंद्र कुमार एडवोकेट, रजिस्ट्री नंबर 3829/011, कलेक्ट्रेट कंपाउंड, मुजफ्फरनगर शामिल हैं।

विवेचना के दौरान सामने आया कि अमित कुमार ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश रची। इस साजिश के तहत फर्जी जमानतनामे और अन्य कूटरचित दस्तावेज तैयार कराए गए और उन्हें माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इन दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय को गुमराह कर गैंगस्टर एक्ट के तहत निरुद्ध अभियुक्त नीरज को जमानत दिलवाई गई। पुलिस का कहना है कि यह न केवल न्यायिक प्रक्रिया के साथ धोखाधड़ी है, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले की विवेचना गहनता से की जा रही है और इस षड्यंत्र में शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस तरह के फर्जी जमानत मामलों का कोई संगठित नेटवर्क सक्रिय है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि फर्जी दस्तावेजों और न्यायालय को गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

इस कार्रवाई को न्यायिक प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। पुलिस का कहना है कि भविष्य में भी इस तरह के अभियानों को और तेज किया जाएगा ताकि अपराधियों द्वारा कानून का दुरुपयोग रोका जा सके और आम जनता का न्याय व्यवस्था पर विश्वास बना रहे।

लाइव विडियो
विज्ञापन
क्रिकेट स्कोर
राशिफल
DELHI Weather
Recent Posts