दिल्ली में छठ पूजा से पहले यमुना के जल प्रदूषण का मुद्दा एक बड़ी राजनीतिक बहस बन गया है। यमुना में लगातार बढ़ते झाग और गंदगी के स्तर को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं। भाजपा, आम आदमी पार्टी को निशाना बनाकर इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि आम आदमी पार्टी का दावा है कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले दूषित जल की वजह से यमुना की स्थिति खराब हो रही है।दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना में Fecal Coliform, जो नालों में पाया जाने वाला प्रदूषक है, का स्तर बेहद चिंताजनक है। साल 2019 में जहां ओखला में Fecal Coliform का स्तर 1200 था, वहीं अब यह 35 लाख के पार पहुंच चुका है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों जैसे ITO और निजामुद्दीन में भी प्रदूषण कई गुना बढ़ गया है, जिससे यमुना की हालत एक नाले से भी बदतर हो चुकी है।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे जल में स्नान करने से त्वचा रोग, और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा है। यथार्थ हॉस्पिटल के डॉ. प्रखर गर्ग ने सुझाव दिया है कि इस स्थिति में लोगों को यमुना के पानी में डुबकी लगाने से बचना चाहिए और घर पर ही साफ पानी में छठ पूजा का आयोजन करना चाहिए।दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई के लिए 2017 से अब तक 6800 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने इस खर्च पर सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली में यमुना की स्थिति सुधारने के लिए विशेषज्ञों का मानना है कि कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में यह नदी फिर से जीवनदायिनी बन सके।