देश के कई राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य जारी है। यह वह प्रक्रिया है जिसके तहत नए मतदाताओं के पंजीकरण, नाम सुधार और पुराने या डुप्लीकेट नाम हटाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं। चुनाव आयोग ने बुधवार को इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि बढ़ाने का बड़ा निर्णय लिया है। पहले जहाँ अंतिम तिथि 11 दिसंबर निर्धारित थी, वहीं अब छह राज्यों में एसआईआर की समयसीमा को आगे बढ़ाकर लोगों को अधिक अवसर प्रदान किया गया है।सबसे बड़ा बदलाव उत्तर प्रदेश के लिए किया गया है। यहां विशेष गहन पुनरीक्षण की अंतिम तारीख 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। अब राज्य में 31 दिसंबर तक फॉर्म भरकर जमा किए जा सकेंगे। यूपी में अब तक लगभग 90 प्रतिशत फॉर्म बांटे जा चुके हैं जबकि 80 प्रतिशत फॉर्म मतदाताओं द्वारा भरकर जमा भी किए जा चुके हैं। ऐसे में समय सीमा बढ़ने से शेष लोगों को भी अपना पंजीकरण पूरा कराने का मौका मिलेगा।
इसके अलावा तमिलनाडु और गुजरात में एसआईआर की समय सीमा को 19 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में यह अवधि 23 दिसंबर तक कर दी गई है। इन राज्यों में भी भारी संख्या में फॉर्म वितरण और जमा कराने का कार्य अभी प्रगति पर है, इसलिए आयोग ने अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया है।इससे पहले केरल में एसआईआर की अंतिम तारीख 11 दिसंबर से बढ़ाकर 18 दिसंबर की गई थी। चुनाव आयोग का मानना है कि मतदाता सूचियों का पारदर्शी और सटीक होना लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनिवार्य है। समय सीमा बढ़ाए जाने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि कोई भी पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित न रह जाए।
कहां कब तक बढ़ी डेडलाइन
- यूपी में 31 दिसंबर तक बढ़ी डेडलाइन
- तमिलनाडु-गुजरात में 19 दिसंबर तक
- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान निकोबार आइलैंड में 23 दिसंबर तक
एक बार पहले भी बढ़ाई जा चुकी है डेडलाइन
चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को एसआईआर की समय सीमा एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी थी. उस समय आयोग की तरफ से कहा गया था कि जिन राज्यों में एसआईआर का काम हो रहा है. उनकी अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को जारी की जाएगी.
कहां-कहां हो रहा एसआईआर?
एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की छंटनी करना है, जिसमें डुप्लीकेट नाम हटाना, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम निकालना और नए योग्य मतदाताओं (18 वर्ष से ऊपर) को शामिल करना शामिल है. इसके तहत बूथ-स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं. देशभर के 12 राज्यों में एसआईआर का काम किया जा रहा है. इसके तहत 50 करोड़ मतदाताओं की छानबीन की जाएगी. हालांकि चुनाव के इस फैसले पर जमकर विरोध भी देखने को मिला था.

















