श्मशान के लिए भटकता गाँव, अतराहट की चिता अब भी खेतों में जलती

बांदा। ग्राम पंचायत अतराहट ब्लाक तिंदवारी, तहसील पैलानी में आज़ादी के 75 साल बाद भी श्मशान जैसी बुनियादी सुविधा न होना ग्रामीणों के लिए एक बड़ी पीड़ा बन चुका है। इस गंभीर विषय पर जन जागरूकता लाते हुए आज जनता दल यूनाइटेड दिव्यांग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष श्रीराम प्रजापति ने जिलाधिकारी बाँदा को एक मांगपत्र सौंपा, जिसमें गाँव में मुक्तिधाम के तत्काल निर्माण की माँग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि अतराहट के ग्रामीणों को आज भी अपने स्वजन का अंतिम संस्कार खेतों, रास्तों के किनारे या अन्य अस्थायी स्थलों पर करना पड़ता है। यह न केवल मानवीय गरिमा के विरुद्ध है, बल्कि प्रशासनिक उपेक्षा का प्रतीक भी बन चुका है।
श्रीराम प्रजापति का ने कहा है कि यह केवल एक सुविधा की मांग नहीं है, यह संवेदनाओं का सवाल है। जब किसी अपने का निधन होता है, तो परिवार को शोक के साथ यह भी सोचना पड़ता है कि उसे कहाँ जलाया जाए कृ यह हमारी संस्कृति और संविधान दोनों का अपमान है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि ग्राम पंचायत अतराहट में मुक्तिधाम हेतु भूमि चयन, बजट स्वीकृति और निर्माण प्रक्रिया को तत्काल प्राथमिकता पर शुरू कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को यह अपमानजनक स्थिति और न झेलनी पड़े।

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