आगामी 25 मई को सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट भी तीर्थयात्रियों के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पहले गुरुद्वारा प्रबंधन व पुलिस की टीम निरीक्षण के लिए हेमकुंड गई।लेकिन रास्ते में भारी बर्फ और ग्लेशियर होने के कारण टीम हेमकुंड तक नहीं पहुंच सकी और वापस लौट आई।हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब का करीब 300 फीट तक का रास्ता ग्लेशियर की चपेट में है। भ्यूंडार से आगे कई जगहों पर रास्ता क्षतिग्रस्त है। यहां हिमंखड टूटने से रास्ता बंद है।उन्होंने बताया कि टीम राम डूंगी से आगे नहीं जा पाई। यहां हिमखंडों के टूटने का खतरा बना हुआ है। कोशिश है कि जल्द ही यहां बर्फ हटाने का काम शुरू किया जा सके।सर्दियों में हेमकुंड साहिब में हमेशा भारी बर्फबारी होती है। जिसके चलते यहां जगह-जगह हिमखंड पसरे रहते हैं।यात्रा शुरू होने से पहले हर साल सेना के जवान और गुरुद्वारा ट्रस्ट के सेवादार बर्फ हटाते हैं। बीते साल भी यात्रियों के लिए बर्फ काटकर रास्ता बनाया गया था।
वहीं, 12-13 मार्च को मौसम बदलने से ठंड एक बार फिर लौट आएगी। 13 मार्च के बाद तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। इसके बाद बर्फ हटाने का काम शुरू हो सकेगा।