महंगाई का खतरा बरकरार.

भारतीय अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है,महंगाई का खतरा बरकरार, आरबीआई गवर्नर बोले- हम इसे कंट्रोल कर लेंगे.जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) देश से अपने निवेश वापस ले रहे हैं, जिससे स्टॉक मार्केट में लगातार गिरावट हो रही है और महंगाई भी बढ़ रही है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत स्थिति में है और महंगाई को नियंत्रित किया जा सकता है। दास ने कहा कि वैश्विक समस्याओं का प्रभाव महंगाई पर पड़ रहा है, लेकिन भारत में महंगाई और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बना हुआ है। आरबीआई को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक महंगाई पर काबू पा लिया जाएगा।महंगाई पर फोकस रखने के लिए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने भी ब्याज दरों पर विचार करते हुए महंगाई नियंत्रण पर जोर दिया है। दास के मुताबिक, हाल के वर्षों में मौसम की अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के चलते महंगाई दर 4% के लक्ष्य से ऊपर चली गई है, लेकिन जनवरी-मार्च तिमाही तक इसमें सुधार आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभावों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले तीन वर्षों में 8% की औसत वृद्धि दर बनाए रखी है और वित्त वर्ष 2025 में यह दर करीब 7.2% तक रहने का अनुमान है।इसके साथ ही, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू मांग और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में सुधार देखा जा रहा है, निजी निवेश भी बढ़ रहा है, और एनबीएफसी तथा कॉरपोरेट सेक्टर की स्थिति भी बेहतर हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रगति से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में वृद्धि की पूरी उम्मीद है। वैश्विक आर्थिक संकट को लेकर IMF और वर्ल्ड बैंक भी मिलकर कार्य कर रहे हैं ताकि वैश्विक वित्तीय स्थिरता बनी रहे।

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