नई दिल्ली. एविएशन सेक्टर की दिग्गज कंपनी बोइंग ने घोषणा की है कि वह 17,000 नौकरियों में कटौती करेगी. कंपनी लगातार हो रहे भारी नुकसान और अमेरिका में जारी वर्कफोर्स की हड़ताल के कारण यह कदम उठा रही है. बोइंग के CEO केली ऑर्टबर्ग ने कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में कहा कि कंपनी को “वित्तीय वास्तविकता के अनुसार” कर्मचारियों की संख्या कम करनी होगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरी तिमाही में बोइंग को 1 बिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका है.
कंपनी के करीब 33,000 कर्मचारी इस समय हड़ताल पर हैं, जिसके चलते बोइंग को अपने 777X जेट की डिलीवरी एक साल के लिए टालनी पड़ी है. इसके अलावा, 737 मैक्स, 777 और 767 जेट्स का उत्पादन भी ठप पड़ा हुआ है. बोइंग का कहना है कि वह यूनियनों के साथ बातचीत कर रही है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हो सका है. बुधवार को, बोइंग ने मैकेनिस्ट यूनियन के खिलाफ “अनुचित श्रम प्रथाओं” का आरोप लगाते हुए एक शिकायत भी दर्ज की, जिसमें कहा गया कि यूनियन समझौता वार्ता में सहयोग नहीं कर रही है.
रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट और क्रेडिट रेटिंग पर असर
रेटिंग एजेंसी S&P ने अनुमान लगाया है कि यह हड़ताल हर महीने कंपनी को 1 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचा रही है. इसके कारण कंपनी की निवेश-ग्रेड क्रेडिट रेटिंग भी खतरे में पड़ गई है.
बोइंग की हालिया चुनौतियां
कभी विमान निर्माण में गोल्ड-स्टैंडर्ड मानी जाने वाली बोइंग हाल के वर्षों में कई मुश्किलों से जूझ रही है. कंपनी के कुछ विमानों की दुर्घटनाओं ने उसकी छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है. जनवरी 2024 में, कंपनी का एक नया विमान उड़ान के दौरान बीच में ही पैनल खो बैठा. हालांकि, पायलट और क्रू की तेजी से की गई कार्रवाई के चलते कोई हताहत नहीं हुआ.बोइंग का स्पेस कैप्सूल स्टारलाइनर भी पिछले कुछ महीनों से चर्चा में रहा. इसमें तकनीकी गड़बड़ियों के कारण नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापस लाने में समस्या आई. नासा ने इसे जोखिम भरा मानते हुए यात्रियों को स्टारलाइनर से वापस लाने का निर्णय टाल दिया. बाद में स्टारलाइनर बिना यात्रियों के पृथ्वी पर लौटा और अंतरिक्ष यात्री अब भी स्पेस में फंसे हुए हैं.