चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी उपखंड मुख्यालय पर स्थित मातृकुंडिया तीर्थ स्थल पर महादेव मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे। उन्होंने मंगलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किए और पूजा अर्चना की। इसके बाद वह सभा स्थल पर पहुंचे, जहां जाट समाज के प्रतिनिधियों ने उनका अभिनंदन किया और स्मृति चिन्ह भेंट किया। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने महिलाओं की उपस्थिति को समाज की सही दिशा में अग्रसरता का प्रतीक बताया और मातृकुंडिया के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह वह स्थान है जहां से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 1993 में शुरू हुए जाट आरक्षण आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह सामाजिक न्याय के संघर्ष की शुरुआत थी, जिसमें सफलता मिली और आज समाज के लोग इस संघर्ष के माध्यम से विकास में योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने किसानों के विकास को देश की आर्थिक रीढ़ बताते हुए कहा कि किसान का विकास ही देश का विकास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें किसानों की अहम भूमिका है। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे देश की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक व्यवस्था में योगदान दें, खासकर किसान वर्ग के युवाओं को सरकार की योजनाओं से जुड़कर आर्थिक उन्नति के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
इस अवसर पर सूरजकुंड धाम के ब्रह्मचारी अवधेश चैतन्य जी महाराज, केंद्रीय कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी, राजस्थान सरकार के मंत्री बाबूलाल खराड़ी, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर सहित कई जाट समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे, और कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।