बांदा। नरैनी तहसील के विकास खंड महुआ क्षेत्र के ग्राम पचोखर में हाल की अतिवृष्टि ने स्वास्थ्य संकट को जन्म दिया है। जलभराव और गंदगी के ढेर ने गांव को वायरल फीवर और मच्छरजनित बीमारियों की चपेट में ला दिया है। बजबजाती नालियां, जो सफाई के अभाव में कीटाणुओं का अड्डा बन गई हैं, और मुख्य मार्गों पर फैली गंदगी ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। इन बदहाल परिस्थितियों ने आवागमन को भी कठिन बना दिया है, जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
स्थानीय निवासी श्याम बाबू पयासी, मोतीलाल कोरी, राजबहादुर त्रिपाठी, दशरथ श्रीवास और रामदेव प्रजापति ने जिलाधिकारी का ध्यान इस गंभीर स्थिति की ओर आकर्षित करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पुराने जलकूपों और जलभराव वाले स्थानों पर मेलाथियान जैसी कीटनाशक दवा का छिड़काव न होने के कारण मच्छरों और संक्रामक कीटाणुओं का प्रकोप बढ़ रहा है। ये मच्छर और कीटाणु वायरल फीवर के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों को फैला रहे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि नालियों की सफाई और गंदगी हटाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। गांव के मुख्य मार्गों पर गंदगी के ढेर ने पैदल चलना तक असंभव कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से जलकूपों और जलभराव वाले क्षेत्रों में मेलाथियान दवा का छिड़काव सुनिश्चित करे, ताकि मच्छरों और संक्रामक रोगों से बचा जा सके। इसके साथ ही, नालियों की नियमित सफाई और गांव में स्वच्छता अभियान चलाने की भी जोरदार मांग की गई है। ग्राम पचोखर की यह दुर्दशा स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति सरकारी तंत्र की लापरवाही को रेखांकित करती है। यदि शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और भयावह हो सकती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। जिलाधिकारी से ग्रामीणों की यह फरियाद है कि वे इस स्वास्थ्य संकट को गंभीरता से लें और मेलाथियान छिड़काव सहित तत्काल प्रभावी उपाय कर गांव को इस विपदा से निजात दिलाएं।

















