वाणी साहित्यिक संस्था की शाकुन्तलम गोष्ठी में गूंजे रचनाओं के स्वर,

मुजफ्फरनगर की अग्रणी साहित्यिक संस्था वाणी की मासिक गोष्ठी शाकुन्तलम का आयोजन सुश्री सपना अग्रवाल के आवास पर सम्पन्न हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बृजेश्वर सिंह त्यागी ने की, जबकि संचालन का दायित्व सुनील कुमार शर्मा ने निभाया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना से हुई, जिसे अर्चना पंकज शर्मा ने प्रस्तुत किया। प्रथम चरण में बृजेश्वर त्यागी की पुस्तक साधना’ एवं कर्मवीर सिंह की पुस्तक कुंडलिया-काव्यम’ का विमोचन किया गया। द्वितीय चरण में कवियों व साहित्यकारों द्वारा रचना पाठ किया गया।नवोदित कवि ऋषभ शर्मा ने मात-पिता की महत्ता पर भावपूर्ण पंक्तियाँ प्रस्तुत कीं, तो पंकज शर्मा ने समय की वेदनाओं को शब्द दिए। संतोष कुमार फलक ने आंधियों को चुनौती देते शेर पढ़े, वहीं सुनील शर्मा ने वृक्ष की पीड़ा को स्वर दिए। रामकुमार शर्मा रागी, राकेश कौशिक व बृजेश्वर सिंह त्यागी ने पहलगाम की त्रासदी पर हृदयस्पर्शी कविताएं प्रस्तुत कीं। पुष्पा रानी ने वीर जवानों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। योगेंद्र सोम ने पिता की मजबूरियों को मार्मिक रूप में प्रस्तुत किया। समीर कुलश्रेष्ठ, सुमन युगल, कर्मवीर सिंह व अन्य रचनाकारों की भी प्रभावशाली प्रस्तुति रही।गोष्ठी के अंत में सपना अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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