यूपी में भूमि की धोखाधड़ी रोकने के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। चकबंदी निदेशालय ने वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 को पेश करते हुए भूमि की धोखाधड़ी रोकने के लिए इसके सभी ब्योरों को डिजिटाइज कराने का वादा किया है।आधुनिक तरीके से चकबंदी कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व ब्लाक चेन के सहारे सर्वे का काम कराया जाएगा। इसके लिए नया साफ्टवेयर भी विकसित किराया जा रहा है।
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने मंगलवार को वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि आधुनिकीकरण की प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है। इसके पूरे हो जाने पर चकबंदी प्रक्रिया में तेजी आएगी और भूचित्र त्रुटिरहित बनेंगे व योजना पारदर्शी होगी। विभाग को पुर्नजीवित करने और जनप्रतिनिधियों की मांग पर वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 958 नए गांवों में चंकबंदी लागू की गई। इसी वर्ष 2023-24 में कुल 781 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी कराई गई।
न्यायिक प्रक्रिया के तहत पारित आदेशों के विरुद्ध किसानों द्वारा हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इसके चलते 180 गांवों की चकबंदी प्रक्रिया रुकी हुई थी। समस्या का समाधान करते हुए चकबंदी प्रक्रिया शुरू कराई गई। उदाहरण के लिए मथुरा में चकबंदी की कार्यवाही 40 सालों से रुकी हुई थी। इसे भी शुरू कराया गया। वादों के त्वरित निस्तारण के लिए ग्रामीण चकबंदी अदालतों का आयोजन शुरू कराया गया। इसमें अब तक 201118 वादों का निस्तारण कराया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 65 पर अनुशासनिक कार्रवाई व 23 को निलंबित किया गया।