मालाखेड़ा, अलवर। इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड में अलवर जिले के गांव कसौदा निवासी युवराज सिंह चौहान ने लेफ्टिनेंट बनकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे गांव और जिले का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है।
युवराज सिंह चौहान सेना से जुड़े एक गौरवशाली परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं, जो देशसेवा के लिए समर्पित हैं। उनके पिता अनिल चौहान भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनके चाचाजी गजेंद्र चौहान सेना से सेवानिवृत्त होकर हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में चयनित हुए हैं। इस प्रकार युवराज ने परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देशसेवा का मार्ग चुना है।
युवराज सिंह चौहान की प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल जयपुर और लखनऊ में हुई। स्कूल के दिनों से ही उनका रुझान सेना की ओर था। अनुशासन, परिश्रम और देशभक्ति की भावना उनके व्यक्तित्व में शुरू से ही दिखाई देती रही। इसी लक्ष्य को सामने रखते हुए उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की।
उन्होंने तीन वर्षों तक नेशनल डिफेंस एकेडमी में कठिन प्रशिक्षण लिया, इसके बाद एक वर्ष तक इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में प्रशिक्षण पूरा किया। NDA में प्रशिक्षण के दौरान युवराज सिंह चौहान ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए आर्मी की प्रतिष्ठित ट्रॉफी भी अपने नाम की, जो उनकी नेतृत्व क्षमता, शारीरिक दक्षता और सैन्य कौशल को दर्शाती है।
लेफ्टिनेंट बनने की खबर जैसे ही गांव कसौदा पहुंची, पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। सर्व समाज के लोगों ने मिठाइयां बांटकर और एक-दूसरे को बधाई देकर अपनी खुशी जाहिर की। इसके साथ ही क्षत्रिय जन संसद, राजपूत कार्मिक समिति सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने युवराज सिंह चौहान की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
युवराज सिंह चौहान की सफलता आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण, निरंतर मेहनत और अनुशासन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल कसौदा गांव बल्कि पूरे अलवर जिले के लिए गर्व का विषय बन गई है।

















